नेतृत्व और अस्तित्व के संकट से जूझ रही Congress पार्टी में और कलह बढ़ने के संकेत मिले हैं। पंचायत चुनाव से पहले पार्टी को यूपी में झटका लगा है। दरअसल, शनिवार को रायबरेली से 35 पार्टी पदाधिकारियों ने कांग्रेस अंतरिम चीफ सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे भेज दिए। इन सभी नेताओं ने पार्टी में पुराने नेताओं की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है।
रायबरेली को सोनिया का गढ़ कहा जाता है। वह उनका संसदीय क्षेत्र है। खफा कांग्रेसियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि अन्य दलों से आए लोग अमेठी जैसी हालत रायबरेली की भी हो जाएगी। हालांकि, कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने बताया कि उनके पास फिलहाल कोई पत्र नहीं आया है।
35 नेताओं के ये इस्तीफे ऐसे वक्त पर आए हैं, जब हाल ही में अटल जयंती पर अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था साल 2024 में रायबरेली में भाजपा का झंडा लहरेगा। और, अब 12 दिन बाद कांग्रेस पार्टी में बगावत की लपटें उठने लगी हैं।
बताया जा रहा है कि कुछ वक्त पहले ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने नई कार्यकारिणी गठित की थी। माना जा रहा है कि इसी के बाद से विरोध शुरू हुआ। प्रदेश सचिव व कांग्रेस कमेटी सदस्य शिव कुमार पांडे बोले कि सालों से निष्ठावान कांग्रेसी पार्टी की सेवा में जुटे हैं, जबकि जिलाध्यक्ष अपनी खामियां और मनमाने रवैये को छिपा रहे हैं। जो वर्ष भर पहले तक पार्टी में सदस्य नहीं थे, उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं। वहीं, 30 साल से लगातार सेवा करने वालों को निष्कासित किया जा रहा है।
कौन हैं इस्तीफा देने वाले नेता?: अर्जुन कुमार सिंह, साधना सिंह, रमेश कुमार पांडेय, छैल बिहारी मिश्रा, रामश्री पटेल, तारावती, राम बहादुर पटेल, शुभम पांडेय शामिल हैं। वेद प्रकाश त्रिपाठी, राम प्रकाश पटेल, रानू देवी, राम पदारथ, मुकेश तिवारी, धर्मेंद्र बहादुर सिंह, सुखलाल लोध, देवता दीन, संदीप, रामपाल सिंह और शहीद अहमद समेत कुछ और नेता हैं।
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