उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को साल 2021-22 का बजट पेश किया। विपक्षी दलों ने बजट को लेकर सरकार की आलोचना की है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा है कि सरकार ने ‘लफ़्फ़ाज़ी’ वाला बजट पेश किया है। संजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘आदित्यनाथ जी का बजट “लफ़्फ़ाज़ी बजट” है। न किसान न नौजवान न बच्चे न महिलायें किसी के लिये योजना नहीं है। किसान को धान गेहूं गन्ने का दाम नहीं मिला है। गन्ने का 10 हज़ार करोड़ बकाया भुगतान नही तो आख़िर किसान की आय दोगुना कैसे होगी? नया उद्योग नही तो नौजवानों को रोज़गार कैसे?
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यूपी सरकार का बजट भी केंद्र सरकार की तरह ही है। यह बजट प्रदेश में बेरोजगारी की क्रूरता दूर नहीं कर सकता है। यह अति-निराश करने वाला है। केंद्र सरकार की तरह ही राज्य ने भी जनता को वायदों के साथ हसीन सपने दिखाने का प्रयास किया है। गरीबों, कमजोर वर्गों और किसानों की समस्याओं के मामले में भी उत्तर प्रदेश सरकार का यह बजट निराशाजनक है।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि यह बजट सभी वर्ग को धोखा देने के साथ ही पूंजीपतियों को लाभ देने वाला है। उन्होने कहा कि सरकार ने एक बार फिर से किसानों को घोखा दिया है। सरकार किसानों को एमएसपी नहीं दे पायी। किसानों के परेशानी का कोई हल नहीं निकाला गया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि यह बजट सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। महिलाओं और बेरोजगारों को समेत आम जनता इस बजट से निराश हैं। साथ ही उन्होंने बजट को झूठ का पुलिंदा भी बताया। उन्होंने कहा कि यह ढोंगी सरकार का ढोंगी बजट है और यह जनता का अपमान करने वाला बजट है।
बजट की आलोचना करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि इससे पहले भी चार बजट में कोई विकास कार्य नहीं दिखा था। विपक्ष के नेता ने पेपरलेस बजट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बजट आईपैड में 30 मिनट बाद लोड हुआ, जिससे विधायकों को परेशानी हुई।
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