नए संसद भवन के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि नए भवन के निर्माण के लिए सरकार ने सभी तरह के क्लियरेंस लिए हैं। तीन जजों की पीठ ने प्रोजेक्ट के पक्ष में फैसला दिया। हालांकि जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, “प्रस्ताव में सरकार ने लोगों की भागीदारी के बारे में नहीं बताया है और हैरिटेज कंजरवेशन कमेटी की भी कोई पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई है।”
बता दें कि नई संसद 20,000 करोड़ रुपये के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इससे पहले पीएम मोदी ने नए संसद भवन के लिए भूमिपूजन किया था। सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया था। जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की पीठ ने मामले में सुनवाई की। प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा गया था कि प्रोजेक्ट को लेकर सही से क्लियरेंस नहीं ले गई। साथ ही साथ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर भी चिंता जाहिर की गई थी।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा को लेकर सरकार के नए प्रस्ताव के मुताबिक प्रधानमंत्री के नए आवासीय परिसर में 10 चार मंजिला इमारतें होंगी। प्रत्येक इमारत की ऊंचाई 12 मीटर होगी। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री के नए आवासीय परिसर को छोड़ने का सवाल ही नहीं बनता है। इससे पहले CPWD ने नए प्रस्ताव में पर्यावरण मंत्रालय के विशेषज्ञ पैनल के आगे नए प्रधानमंत्री आवास का जिक्र नहीं किया था। CPWD ने नए प्रोजेक्ट की लागत 13,450 करोड़ रुपये के आस-पास लगाई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का नया आवास 15 एकड़ में फैला होगा। जिसमें कि 10 इमारतें शामिल होंगी। प्रत्येक में चार मंजिलें होंगी। प्रधानमंत्री का नया आवास 30,351 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा। एसपीजी के लिए भी एक इमारत 2.5 एकड़ में बनाई जाएगी।
सेंट्रल विस्टा परियोजना में उपराष्ट्रपति के लिए नया इनक्लेव भी बनाया जाएगा। जो कि 15 एकड़ जमीन पर फैला होगा। सीपीडब्ल्यूडी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि इसमें अधिकतम 15 मीटर की ऊंचाई वाली पांच मंजिला इमारतें होंगी। उपराष्ट्रपति इनक्लेव में कुल 32 इमारतें होंगी।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा परियोजना में संसद भवन, केंद्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किमी लंबे राजपथ का पुनरुद्धार करना शामिल है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो
सबसे ज्यादा पढ़ी गई
.